ध्यानाभ्यास कैसे करें ? एक परिचय
प्रभु प्रेमियों ! भारतीय साहित्य में वेद, उपनिषद, उत्तर गीता, भागवत गीता, रामायण आदि सदग्रंथों का बड़ा महत्व है। इन्हीं सदग्रंथों में से ध्यान योग से संबंधित जो भी बातें हैं और सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के अनुभव ज्ञान युक्त बातों से संबंधित जो भी बातें हैं, उन सभी बातों को एक पुस्तक के रूप में संग्रहित किया गया है; जिसका नाम ध्यानाभ्यास कैसे करें रखा गया है। इस पुस्तक का संपादन पूज्यपाद लालदास जी महाराज ने किया है। आइये ! लालदास साहित्य सीरीज के 25 वीं पुस्तक 'ध्यानाभ्यास कैसे करें ? के बारे में जानकारी प्राप्त करें-
ध्यान में सफल होने के लिए हरेक प्वाइंट पर चर्चा की विश्वसनीय पुस्तक
प्रभु प्रेमियों ! जब भी हमलोग सत्संग में, टीवी प्रोग्राम या अखबार में ध्यान की महिमा और ध्यानाभ्यास के फायदों के बारे में जानते हैं तो ध्यानाभ्यास करने को बहुत ही उत्सुक होंते है । लेकिन ध्यान में सफलता पाना सबके बस की बात नहीं है । ध्यान में सफलता के लिए ध्यान से संबंधित प्रत्येक बिंदु पर पहले अच्छी जानकारी होनी चाहिए, फिर उसके अनुसार अभ्यास करना पड़ता है; तब जाकर सफलता प्राप्त होती है। प्रस्तुत पुस्तक में उन्हीं बिंदुओं पर विशेष रूप से चर्चा किया गया है ।आइए इसके बारे में विशेष जानकारी प्राप्त करें--
"ध्यानाभ्यास कैसे करें" पुस्तक के बारे में
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प्रभु प्रेमियों ! लालदास साहित्य सीरीज में आपने 'ध्यानाभ्यास कैसे करें ' नामक पुस्तक के बारे में जानकारी प्राप्त की. आशा करता हूं कि आप इसके सदुपयोग से इससे समुचित लाभ उठाएंगे. इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का कोई शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले हर पोस्ट की सूचना नि:शुल्क आपके ईमेल पर मिलती रहेगी। . ऐसा विश्वास है.जय गुरु महाराज.
प्रभु प्रेमियों ! लालदास साहित्य सीरीज की 66वीं पुस्तक है "स्तुति - प्रार्थना कैसे करें". इस पुस्तक के बारे में विशेष जानकारी के लिए 👉 यहां दबाएं
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